गणेश चतुर्थी 2016 = 5 सितम्बर (सोमबार)
हमारे देश भारत वर्ष में 5 सितम्बर को हर्षोल्लास के साथ गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा और इस त्यौहार की सारी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। हिन्दू त्यौहार गणेश चतुर्थी को 'गणेश चौथ' और 'गणेश जयंती' के नाम से भी जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के बारे में ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए संकट हरण विध्नकर्ता के जन्म दिवस के उत्सव को गणेश चतर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलता है जो चतुर्थी के दिन से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन ख़त्म होता है।
पूजा विधि और सुभ मुहूर्त
नारद पुराण के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को गणेश व्रत करना चाहिए। इस व्रत को रखने के प्रमुख नियम निम्न हैं -
1 - इस व्रत में आवाहन, प्रतिष्ठापन, आसान समर्पण, दीप दर्शन आदि द्वारा गणेश पूजन करना चाहिए।
2 - पूजा में दूर्वा (घास) अवश्य शामिल करें।
3 - गणेश जी के बिभिन्न नामों से उनकी आराधना करनी चाहिए।
4 - नैवेद्य के रूप में पांच लड्डू रखें।
5 - इस दिन रात के समय चन्द्रमा की तरफ नहीं देखना चाहिए, ऐसा माना जाता है कि इसे देखने पर झूठे आरोप झेलने पड़ते हैं।
6 - अगर रात के समय चन्द्रमा दिख जाए तो उसकी शांति के लिए पूजा करानी चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि भगवान् गणेश का जन्म माध्यायन काल के दौरान हुआ था इसलिए माध्यायन के समय को ही गणेश जी की पूजा के लिए उपर्युक्त माना जाता है। माध्यायन मुहूर्त में, भक्त लोग पुरे विधि विधान से गणेश पूजा करते हैं जिसे षोडसोपचार गणपति पूजा के नाम से जाना जाता है।
इस साल गणेश चतुर्थी उत्सव 5 सितम्बर को मनाया जाएगा। वैसे तो गणेश चतुर्थी तिथि 4 सितम्बर को शाम 6 बजकर 54 मिनट से शुरू हो रही है जो 5 सितम्बर को रात 9 बजकर 10 मिनट पर ख़त्म होगी। लेकिन सूर्योदय से तिथि का मान होने के कारण गणेश चतुर्थी 5 सितम्बर को मनाई जाएगी। पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 5 सितम्बर को दिन में 11 बजकर 10 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक गणेश पूजा का समय सबसे शुभ है।
इंग्लिश में पढ़ने के लिए click on Ganesh Chaturthi Festival in English
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